Friday, November 11, 2022

एलेन हाउस स्कूल, कानपुर में हुआ साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन |

बदलते सामाजिक परिवेश में लगातार बढ़ती डिजिटल दौड़ की खामियों नाकामियों और चुनौतियों को देखते हुए कानपुर के एलेन हाउस स्कूल ने युवा पीढ़ी के जागरण हेतु 11 नवंबर, 2022 को साइबर अपराधों से बचने के लिए कार्यशाला आयोजित की, कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन, मंत्रोच्चार एवं विद्यालयी गीत से हुआ।

विश्व प्रसिद्ध साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने साइबर सुरक्षा के पहलुओं पर जानकारी देते हुए विद्यार्थियों से दो तरफा संवाद स्थापित किया तथा सोशल मीडिया के नकारात्मक पहलुओं और सुरक्षा के उपायों के संबंध में विचार साझा किए, छात्रों के उत्कृष्ट भविष्य निर्माण की दिशा का अहम हिस्सा डिजिटल माध्यम हो चुका है  इसलिए छात्रों का निरंतर इसके प्रति जागरूक रहना आवश्यक है |

रक्षित टंडन साइबर सुरक्षा के संस्थापक निर्देशक एवं प्रचारक भी है, वे मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साइबर सुरक्षा सलाहकार हैं। इन्होंने साइबर सुरक्षा के अंतर्गत ऑनलाइन गेम, सोशल मीडिया पर धमकियां उनसे बचाव और सुरक्षा, साइबर कानून, ऑनलाइन घोटालों और धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने की सजगता संबंधी जानकारी देने के साथ ही लॉयन फोर्स एजेंसी को भी ट्रेंन किया, रक्षित अब तक लगभग 5.2 मिलियन बच्चों का मार्गदर्शन कर चुके हैं |

कार्यक्रम में प्रवेश सभी के लिए मान्य था, साइबर क्राइम कार्यशाला के साथ ही साथ आकर्षक ज्ञानवर्धक शैक्षिक मेले का भी आयोजन किया गया, जहाँ पर छात्र एवं अभिभावक एक साथ अपने बच्चों के स्वर्णिम भविष्य हेतु छात्रवृत्ति, आर्थिक सहायता, शैक्षिक ऋण जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सके ।

प्रधानाचार्या डॉ० रुचि सेठ ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि "आज के इस दौर में अभिभावकों और शिक्षकों का ही यह दायित्व नहीं है कि वह बच्चों के प्रति सजग और जागरूक रहें और हर खतरे से आगाह करें बल्कि स्वयं छात्रों का भी यह दायित्व है कि वह अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति जागरूकता एवं सजगता बनाए रखें। हर विषय वस्तु की पूर्णतः जानकारी होने के पश्चात ही किसी अनभिज्ञ क्षेत्र में कदम बढाएं।"

सुपर हाउस ग्रुप के अध्यक्ष मि० मुख्तारुल अमीन ने विद्यालय के नाम भेजे गए संदेश में कहा कि-" समय-समय पर शैक्षिक संस्थानों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए छात्रों में समाज की अपराधिक प्रवृत्ति के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे सामाजिक समस्याओं को समझने में कामयाब होंगे।"