कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में रविवार को साहित्य, कला, संस्कृति का भव्य आयोजन गाथा महोत्सव 2022 का आयोजन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के सभागार में होने वाले इस कार्यक्रम में साहित्य और बॉलीवुड के नामचीन भी शिरकत कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एकेडमिक भवन में शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाथा के को-फाउंडर अमित तिवारी ने बताया कि रविवार को होने वाले इस कार्यक्रम में आई.आई.टी. कानपुर, सीएसजेएमयू के सहयोग से गाथा महोत्सव 2022 आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्घाटन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। इसके साथ आई.आई.टी के डायरेक्टर प्रो. अभय करंदीकर और सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की प्रेरणा से विश्वविद्यालय में कला, संस्कृति एवं साहित्य का एक भव्य कार्यक्रम हो रहा है। इस महोत्सव में कवि सम्मेलन, ओपन माइक, दास्तान ए आम, किस्सा कलाम, पैनल चर्चा तथा एन आर्केस्ट्रा ऑफ स्टोरीज जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जिनमें कई नामचीन साहित्यकार, लेखक, कवि तथा बॉलीवुड कलाकार अपनी कहानियों, रचनाओं तथा कविताओं के माध्यम से भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति के बारे में प्रस्तुति देंगें। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने गाथा महोत्सव को समाज के लिए प्रेरणादायी बताते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. योगेंद्र पांडे, डॉ. ओम शंकर गुप्ता, डॉ. दिवाकर अवस्थी, डॉ. रश्मि गौतम, डॉ जितेन्द्र डबराल आदि उपस्थित रहे।
ओपन माइक में यूनिवर्सिटी के छात्र भी
महोत्सव में ओपन माइक सत्र में सीएसजेमएयू के छात्र-छात्राओं को भी अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। ओपन माइक के लिए सैंकड़ों की संख्या में एंट्री प्राप्त हुई थी, जिसमें से बेस्ट 7 को चुना गया है।
को-फाउंडर अमित तिवारी ने बताया कि गाथा एक ऐसा ऑनलाइन ऑडियों प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से हम भारतीय साहित्य से जुड़ी कहानियों, कविताओं, किस्सों को सुन सकते है तथा पुराने कवियों और सहित्यकारों की रचनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गाथा एप के माध्यम से तकनीक और साहित्य साथ मिलकर भारत की संस्कृति से जुड़ी बातों को ऑडियो के रुप में लाने का एक प्रयास है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को भारतीय कल्चर के बारे में बताया जा सके और इसे वैश्विक पटल पर लाया जा सके।
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