क्रांतिकारी मुनेश्वर अवस्थी के परिवार के लोग ज़मींदार थे, जिनमें से पंडित गया प्रसाद अवस्थी के पिता जी श्री बाबू राम अवस्थी इस आश्रम की देख रेख और कंस्ट्रक्शन का काम अपने निजी खर्चे से करवाते थे, जिसमें कि गंगा स्नान करने आने वालों के लिए एक अतिथि कक्ष और बरामदे के साथ ही एक मंदिर भी बनवाया था, जो कि समय के साथ कालग्रस्त हो गया जिसके कुछ अंश काफी समय बाद देखने को मिले थे|
आश्रम संबंधित इन सब जानकारियों को देने वाले मंदिर के पुजारी श्री बाबा हरजिंदर दास जी वर्तमान में मोइद्दीनपुर गाँव में ही रहते हैं, अविवाहित हैं और मूलत: उसी गाँव के रहने वाले हैं | उन्होंने बताया कि इस आश्रम से गाँव वालों की मान्यता जुड़ी हुई हैं इस आश्रम और मंदिर का न तो कोई ट्रस्ट है न ही सोसाइटी अथवा संस्था, इसका संचालन सिर्फ ग्रामीणजनों के सहयोग और ईश्वर की कृपा से हो रहा है | वर्तमान में तो प्रतिदिन यहाँ सुबह शाम आरती होती है लेकिन वैसे प्रतिवर्ष कथाएं हुआ करती थी लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन और कोविड के चलते वार्षिक कथा संभव नहीं हो पाई |